El Dorado
...a quest. Simple,Sincere,Steady
Thursday 13 December 2012
Rubaiyat-E-Jumi : 02
हर धड़कन, हर इक साँस पर
अल्लाह हू-–अल्लाह हू करते हैं हम
दिन में पाँच दफ़ा
या
इलाही, अपने आसुँओ से वुज़ू करते हैं हम
फ़िर भी क्यूँ
सब
काफ़िर-ओ-दिवाना-ओ-बावला कहते
हैं मुझको
हर सू तू है तो क्या बुरा है ग़र जानिब-ए-महबूब रूकू करते हैं हम
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